दिल के क़रीब होने से भी दूर रहते हैं,
ज़िंदगी के इस सफर में अकेले ही सफर करते हैं।
तन्हाईयों की इस छाया में चुपके से रोते हैं,
दिल की गहराइयों में बस खुद को ही खोते हैं।
तेरी यादों की खुशबू साँसों में बसी है,
दिल की धडकनों में तेरी ही धडकन बसी है।
प्यार के रास्तों पर तूने छोड़ दिया है हमें,
अब तो खुदा से बस यही एक गुज़ारिश है, कि तुझे हम भूल जाएं।
वक़्त की धारा में बिखर गए हैं हम,
तेरी यादों के सागर में बिगड़ गए हैं हम।
ज़िंदगी की इस दरिया में हम डूबते जा रहे हैं,
तेरे प्यार में ही हम खुद को खोते जा रहे हैं।
दिल की गहराइयों में बसी है तेरी यादें,
बिना तेरे हम तो खुद को ही नहीं पहचानते।
बेवजहा तुझसे हो गई ये दूरियाँ,
अब तो खुद को ही हम नहीं सही तरीके से समझ पाते।
तेरी बिना ज़िंदगी की ये कैसी मशक्कतें,
हर पल दिल के क़रीब होने के बावजूद भी अजनबी लगती हैं।
खुद को तूने दूर किया हमसे इतनी दूर,
अब तक़दीर के खेल में हम हारे हुए लगते हैं।
प्यार के ज़ख़्म अब तक नहीं भरे,
तेरे जाने के बाद भी दिल में तेरे प्यार की तस्वीरें अब तक हैं सजीव।
बेवजहा किया था तूने मुझे अपने से दूर,
अब खुद से ही पूछता हूँ, क्या खो दिया है हमने, क्या हमने किया था तुझे अपना?
जिन्दगी के इस सफर में अकेले ही सफर करते हैं,
तन्हाईयों की इस छाया में चुपके से रोते हैं।
दिल के क़रीब होने से भी दूर रहते हैं,
खुद को तूने दूर किया हमसे, अब तक वो दूरीयाँ बरकरार हैं।